लोक प्रिय बनें, मगर कैसे? ??
दोस्तों हम में से सब लोग लोकप्रिय बनना चाहते हैं।शायद ही संसार में कोई ऐसा भी व्यक्ति हो जो लोकप्रिय न बनाना चाहता हो ।सच्चाई यही है कि क्या राजा क्या रंक सभी न केवल लोकप्रिय होना चाहते हैं बल्कि सबसे ज्यादा लोकप्रिय होना चाहते हैं ।हर व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्र मे इस कदर प्रसिद्ध होना है कि भले ही इसके लिए उसे कुछ भी करना पड़े ।संसार में कुछ ऐसे भी उत्साहित लोग देखे गए हैं जो अपना नुकसान करने को भी तैयार हैं बस उन्हें कोई प्रसिद्ध होने का सर्टीफिकेट दे दे ।
सवाल उठता है कि क्या यह तरीका प्रसिद्ध पाने के लिए सही है कि हम अपना खुद का नुकसान भी कर लें प्रसिद्ध होने के लिए ? जी नही यह तरीका बिल्कुल सही नही है क्योंकि इतिहास में जो भी लोकप्रिय लोग हुए हैं उन्होने इस तरीके को अपनाने के बारे मे कभी नही सोचा ।
लोक प्रिय लोग लोकप्रिय यूं ही नहीं बने
दोस्तों महान लोगों का एक खास गुण होता है और वह है बड़प्पन को बांटना ।उनके सम्पर्क मे जो भी आता है वह उसे अपने आचार विचार से यह समझाने में सफल होते हैं कि उनके लिए आप का बेहद महत्व है ।अर्थात महान लोग जिससे भी मिलते हैं उसकी उतनी ही कदर करते हैं जितने खुद अपने लिए वह उस नए मिलने वाले व्यक्ति से करते हैं ।महान लोग किसी महानता की डिग्री को हासिल नही करते लेकिन वह हर मनुष्य की वैल्यू जरूर करते हैं फल स्वरूप उनके संपर्क में आने वाला हर व्यक्ति उन्हें श्रेष्ठ और महान माने बिना नही रह सकता ।यही है लोकप्रिय बनने की पहली सीढी ।।।दूसरी सीढी के रूप में आप इसे ले सकते हैं कि लोकप्रिय लोग लगभग हर व्यक्ति को अपना समझते हैं मेरा पराया के भाव से बहुत चिपके न होकर बहुत दूर होते हैं ।इसका परिणाम यह होता है कि लोग चाहकर भी उन्हें भूल नही पाते और इस तरह उनकी लोकप्रियता आसमान की बुलंदियों की ओर बढ जाती है ।
लोक प्रिय बनने की ओर
जी हां दोस्तों महान लोग या लोकप्रिय लोग अपने फायदे के लिए किसी का नुकसान नही करते बल्कि वह अपना घाटा कुबूल करके भी किसी दूसरे को कष्ट या क्षति पहुंचाने के बारे में कभी नही सोचते ।हमारे इतिहास में सैकड़ों उदाहरण हैं जिनके अनुसार जिन लोगों ने इस मिट्टी की दुनिया में अपनी पहचान को बनाए रखा है वह आगे चल कर महान लोगों की श्रेणी में शामिल हुए ।क्योंकि जो इस संसार के तीन तिकड़म से खुद को उबार नहीं पाते उनका खुद का वास्तविक अस्तित्व मिटते देर नही लगती ।।।
सकारात्मक लोक प्रियता और दुनिया
ध्यान देने की बात है आजकल दो तरह के लोग प्रसिद्ध पाते हैं अथवा लोकप्रियता हासिल करते हैं एक सकारात्मक लोग होते हैं तो दूसरे नकारात्मक लोग होते हैं ।सकारात्मक लोग लोगों की पीड़ा खत्म करते हैं तो नकारात्मक लोग लोगों को हर हाल में पीड़ा देने की फिराक में रहते हैं ।।आप को यह भली-भांति जान लेना चाहिए कि आप सिर्फ सकारात्मक आचरण से लोकप्रिय बने तभी श्रेष्ठता है वर्ना प्रसिद्ध तो वह बदमाश भी हो जाता है थोड़े दिन के लिए जो किसी दिन पुलिस की गोली का शिकार भी हो जाता है ।।।
धन्यवाद
लेखक
केपी सिंह
Kpsingh 9775 @Gmail. Com
प्रसिद्धि पाने के मूल मंत्र को बेहतर और सरल तरीके से समझाये हैं | सर मेरे विचार से अगर आपके लेखों को कोई नियमित रूप से पढ़कर अपने आचरण में अमल करे तो दुःचरित्र व्यक्ति भी चरित्रवान् बन सकता है |
आपने जो कहा है लेख के बारे में वह सही है या नही
लेकिन
आप के जैसे पाठक किसी को मिल जाएं
तो गली का कलम घिसने वाला भी
अच्छा लेखक बन सकता है ।
शुक्रिया
शुरुआती फल छोटा होता है।
धन्यवाद
Powerful message getting motivated Hope more writting please. Thank You.
धन्यवाद
Good thinks
सादर नमन
ईमानदारी कार्य के प्रति निष्ठा ओर बड़ो के लिए दिल से सम्मान सफल आदमी बनने के लिए सबसे जरूरी है बहुत सुंदर लेख है सर बताने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया
धन्यवाद
प्रिय बंधु
बहुत ही सुंदर लेख है सर
धन्यवाद
आदरणीय शुक्रिया आपका
आपने जो लोकप्रियता पाने का हाईवे का मार्ग दर्शन किया ह उस पर सचाई से चला जाए तो लोक प्रिय बनने में कोई संसय नही है । बहुत ही मनभावन है।
अति धन्यवाद
thx
आभार आपका पोस्ट पढने के लिए
लेख एक प्रशस्त मार्ग दर्शन का परिचायक
है। अति सुन्दर
सकारात्मक विचार समृद्धि का सुचक है ।
Good post