Human Characteristics : मनुष्य को दूसरों की सहायता क्यों करनी चाहिए?
नमस्कार दोस्तों में आपका सेवक ” सत्यपाल सिंह” आज आपके सामने कुछ विचार शेयर कर रहा हूँ अगर पसंद आयें तो अपनी प्रतिक्रिया कमेन्ट के माध्यम से जरूर दें!
मनुष्य दुनियाँ का सबसे होशियार, अधिक बुद्धि वाला और सब कुछ सोचने समझने की शक्ति रखने वाला जीव है | हमने अनेकों बार अपने पूर्वजों से कुछ ऐसी बातें भी सुनी है की जो जीव अच्छे कर्म करने वाला होता है उसकों मोक्ष की प्राप्ति होती है| मानव के इसी स्वाभाव के चलते प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का या मानव जीवन का उद्देश्य है कि अपने मन, वचन और काया से औरों की मदद करना |
आपने यह तो देखा ही होगा कि जो लोग दूसरों की सहायता करते हैं, वैसे व्यक्ति हमेशा सुखी, तनाव मुक्त और शांति से अपना जीवन व्यतीत करते है |ऐसे लोगो का अपनी आत्मा के साथ बहुत ज्यादा जुड़ाव होता है और उनका जीवन संतोषपूर्ण होता है। लेकिन वही दूसरी तरफ ऐसे लोगो होते है जो एक दुसरे से बहस करते है या दुसरे लोगों के स्पर्धा ( होड़ ) करते है| उनको अपने जीवन में कभी शांती नहीं मिलती और वे हमेशा ही असंतोष का जीवन व्यतीत करते रहेते है, इस प्रकार उनका पूरा जीवन दूसरों की बराबरी करने में ही निकल जाता है | इसके पीछे छिपा विज्ञान यह है कि जब कोई अपने मन, वचन और काया को दूसरों की सहायता करने के लिए उपयोग करता है, तब उसे सबकुछ मिल जाता है। उसे सांसारिक सुख-सुविधा की कमी कभी नहीं होती। धर्म की शुरूआत ओब्लाइजिंग नेचर से होती है। जब आप दूसरों के लिए कुछ करते हैं, उसी पल खुशी की शुरुआत हो जाती हैं । (Human Characteristics)
मानव जीवन
मानव जीवन का उद्देश्य जन्म-जन्मान्तर के कर्म बंधन को तोड़कर संपूर्ण मुक्ति को प्राप्त करना है। इसके लिए व्यक्ति को सबसे पहले अपनी आत्मा का ज्ञान होना चाहिए, और जिस व्यक्ति को अपनी आत्मा का ज्ञान हो जाता है वो कभी किसी के प्रति अपनी गलत भावना ही नहीं रख सकता है | क्योंकी कभी आपने खुद महसूस किया होगा कि जब आप कोई गलत काम करने वाले होते है, उससे एक पल पहेल हमें अंदर से ऐसा आभास होता है की हम जो कुछ भी करने जा रहे है वो गलत है और हमें ऐसा नहीं करना चाहिए | इसी का आत्म ज्ञान कहते है अर्थात हमारी आत्मा हमें कोई भी गलत काम करने की इजाजत नहीं देती है, लेकिन फिर भी कुछ लोग अपने स्वार्थ को बरीयता देते हुए उस काम को कर बैठते है | इसी का परिणाम होता है कि हमारी आत्मा हमसे कभी संतुष्ट नहीं होती है और हम उसी तनाव में जीने लग जाते है | अतः हमें हमेशा यह याद रखना चाहिए की ऐसा कोई भी कम हम ना करें जिससे किसी की भावना को कष्ट हो या वो कार्य उचित ना हो, वर्ना मानव जीवन का कोई अर्थ नहीं रह जाता है |
आज में आपको अपने कर्मों का एक ऐसा सच बताने जा रहा हूँ जो शायद आपको सच ना लगे, मैंने भी अपने जीवन में बहुत ऐसे काम किये जो कुछ अच्छे थे तो कुछ बुरे भी लेकिन जब से मैंने लोगो की सेवा का प्रण लिया है, और जब से लोगों को मेरी बजह से कुछ लाभ होना शुरू हुआ है, उसी दिन से मेरा एक नया जन्म हुआ है और आज में आपके सेवक से रूप में आपके सामने हूँ! वर्ना मेरे जीवन में एक दिन ऐसा भी आया था की मैं ये सोचता था की जीवन में कुछ नहीं है और इससे तो अच्छा इस जीवन से मुक्त हो जाना ही बहतर है |
मेरे पास कुछ भी नहीं रहा था और मैं पूरी तरह से अकेला, तनहा सा हो गया था , मुझे समझ नहीं आरहा था की मुझे आखिर क्या करना चाहिए, उस दिन मैंने पहली बार भगवान से प्रार्थना की थी की अब मैं अपना जीवन लोगों की सेवा में लगाना चाहता हूँ, मुझे कोई सही मार्ग बताओ और मेरी प्रार्थना स्वीकार हो गयी| लेकिन मैंने उस दिन के बाद पाया की मेरी सभी टेंशन ही ख़त्म हो गयी हो और प्रति दिन मेरी खुशिया बड़ती ही जा रही है, और आज मुझे चाहने वाले इतने लोग मुझे मिल गये है की अगर मैं किसी भी शहर में जाता हूँ तो मुझे वह मेरे कुछ साथी जरूर मिल जाते है |
कभी में सोचता था की ये दुनियाँ बहुत बड़ी है लेकिन अब तो ऐसा लगता है मानों पूरी दुनियाँ बहुत छोटी सी हो गयी है, जब चाहों वो चीज मिल जाती है, और मैं भगवान से कोई सहायता की तो उम्मीद नहीं रखता हूँ, क्योंकी मैं भलिभाती जनता हूँ कि भगवान कभी भी प्रथ्वी लोक में किसी की सहायता नहीं कर सकते है, क्योंकी ये वैसे ही है जब आपके क्लास टीचर की ड्यूटी आपके पेपरों में लगी हो और वो सब कुछ जानते हुए भी आपकी कोई मदद नहीं कर सकता है ! टीचर आपकी मदद तो नहीं कर सकता हैं लेकिन आपको बैठने और लिखने का तरीका जरूर बता सकता है, की आपको किस पोजीशन मैं बैठना चाहिए और कैसे लिखना चाहिए! तो दोंस्तों भगवान से भी आप उतनी ही उम्मीद रखें की भगवान ने आपकों यहाँ परीक्षा देने भेजा है, अब ये आपको डिसाइड करना है की आप पास होते हो या फ़ैल | और इस बात का निर्धारण आपके कर्मों से ही किया जाता है !
अतः अगर जीवन मैं हमेशा खुश रहना है तो कभी भी दूसरों की बराबरी मत करना और कभी किसी का बुरा मत करना, जितना हो सके बेसहारा लोगों की सहायता कीजिये फिर देखिये कैसे आपका जीवन चमक जाता है ! Plz Being HUMAN.
धन्यवाद ! नमस्कार !
लेखक : सत्यपल सिंह
Nice thinking.
मनुष्य को मनुष्य ही नही संसार के हर प्राणी की सहायता करनी चाहिए
क्योंकि मैने काफी पहले पढा था कि मनुष्य द्वारा किसी की सहायता करना वास्तव में गहरे अर्थों में उसी के बेहतर जीवन के लिए अच्छा होता है ।
इसे सरल शब्दों में इस प्रकार समझा जा सकता है
कि हम जब घर के बड़े बुजुर्गो की सहायता करते हैं तो हमसे छोटी पीढी के लोग भी आगे चलकर हमारी मदद करते हैं
वास्तव में यह क्रम है जो प्रतिपल आगे बढता रहता है ।
कहने का तात्पर्य यह कि यदि हम किसी की सहायता करेंगे तो
प्राकृतिक रूप से
कोई हमारी भी करेगा ।।।
सर
मेरा जवाब यही है
आपको अवलोकनार्थ प्रेषित है
Bahut sunder
thanks
Life is as like
clock………..
So we should always help of every one………..
Sahi likha hai sir
Thank You So Much My all Dear Friends
Behtareen thought about helping others.
Thank you so much
Sir good wards
Very motivating blog, sir.
हम इंसानो का लक्ष्य देने का ही होना चाहिए क्योंकि असल में देना ही लेना है!
Thank you for this beautiful blog.
Nice thought sir
सर, आपकी बातों से सभी लोग सहमत होंगे, परन्तु स्वार्थहित के कारण लोग इसे व्यवहार में नहीं ला पाते हैं |अथिकाँश लोग उन्हीं की सहायता करते हैं जिनसे उनकी स्वार्थसिद्धि होती है बाकी से कोई सरोकार नहीं होता है |मनुष्य अपने लाभ के लिए दूसरे का कितना नुकसान कर बैठता है इस ओर कभी ध्यान नहीं देता है, स्वयं ऊँचा उठने के लिए दूसरों को सदैव नीचा दिखाने का प्रयास करता है | इसलिए आवश्यकता इस बात की अधिक है कि मनुष्य अपने ज्ञान की पुँजी को आचरण में लाये, इसीलिए कहा भी गया है —–
“सौ मन ज्ञान से अच्छा है रत्ती भर व्यवहार”
So nice things
Sunder thinks but every person are not possible his positive attitude.its trut
So hopefully logs
Aapka soch bahout aachha hai Sir,aapko thanks, keuki sanstha se judkar hume bhi ek moka mila ki hum bhi logon ka help kar sake! Aapko dil se salaam….!
Gr8 sir I agreed with you comments.
Hope we will meet soon
So Singh g PL tell me about my registration not done till date I deposit RS.200/- on 15feb.but not registered anywhere with you PL provide me confirmation 9818620210 or mail also.Rgd sk Arora
शत प्रतिशत सही और सत्य विचार रखे हैं। धन्यवाद सरजी
Kriya- pratikriya nature ka niyam hai. Lenin karm-karm ke liye ho, ichchharahit.
Yes sir aap Bilkuul Sahi kahte hai… Aaj k samay mai bolne wale jyada milte h.. Bt saath denewale kam… Apka ye post… Bahuton ko andar tk aehsas dilayega…gd post..
VERY NICE