HomeDesignInteriorsप्राइवेट(Private) नौकरी करने के नुकसान | Disadvantages Of Private Job.

प्राइवेट(Private) नौकरी करने के नुकसान | Disadvantages Of Private Job.

आजकल वैसे तो सभी लोग सरकारी नौकरी की तलाश में ही रहते हैं, प्राइवेट जॉब कोई भी नहीं करना चाहता है | लेकिन हम ये बात भी नहीं भूल सकते हैं, की आजकल सरकारी नौकरियां आसानी से मिलती ही नहीं हैं, क्यूंकि इतनी जगह ही अब नहीं बची है | इसलिए मजबूरी में लोगों को प्राइवेट जॉब करनी पड़ती हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो प्राइवेट जॉब्स को ज्यादा अच्छा मानते हैं, क्यूंकि उनको लगता है की सरकारी नौकरी के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है, तब हमें वहां से अच्छा पैसा मिलता है, और प्राइवेट जॉब्स में हमें कम मेहनत में ही पैसे मिल जाते हैं | लेकिन ऐसे लोगों को ये बात पता होनी चाहिए, की सरकारी नौकरी पाने के लिए ही मेहनत करनी पड़ती है, फिर तो बस आराम ही आराम होता है, जबकि प्राइवेट नौकरियां मिल तो आसानी से जाती हैं, लेकिन फिर आराम का नाम भी आपकी ज़िन्दगी में नहीं रहता है | तो इस पोस्ट में आपको प्राइवेट जॉब्स के ही कुछ बड़े नुक्सान बताये गये हैं, जो कि जानना आपके लिए बहुत ही जरूरी है |

ज्यादा काम का लोड

अब ये बात तो सब जानते हैं, कि सरकारी नौकरी में काम का बिलकुल भी लोड नहीं होता है, जब तक कोई ऊपर से आर्डर न आये, जबकि प्राइवेट नौकरियों में आपको चैन से बैठने भी नहीं दिया जाता है | यदि आप अपना काम फिनिश भी कर चुके हैं, तो भी आपका बॉस आपको कुछ न कुछ दूसरा काम दे ही देता है | अब ऐसा इसलिए होता है, कि जो व्यक्ति आपको जॉब पर रखता है वो आपसे अपने एक-एक पैसे का काम करवाना चाहता है | यदि आपको अपनी प्राइवेट जॉब में दस हज़ार रुपये मिलते हैं, तो आपका बॉस आपसे लगभग बीस हज़ार का काम करवाने की सोचेगा | इसीलिए प्राइवेट जॉब करने वाले लोगों पर काम का बहुत ही ज्यादा प्रेशर रहता है |

फिक्स्ड सैलरी

अब ये बात तो सब जानते ही हैं, कि प्राइवेट नौकरियों में आपकी सैलरी फिक्स ही रहती है और काफी लंबे समय तक उसके बढ़ने के चांस भी नहीं होते हैं, जबकि सरकारी नौकरी में आपकी सैलरी काफी कम टाइम में बढ़ जाती है | अब सैलरी फिक्स होती है ये तो अलग बात है, पर जो गिनी चुनी सैलरी होती है, वो भी टाइम पर मिले इसकी भी कोई गारंटी नहीं होती है | कभी-कभी तो प्राइवेट नौकरी वालों को 4-4 महीने की सैलरी भी नहीं मिलती है, लेकिन फिर भी वो कुछ नहीं कह सकते हैं, क्यूंकि वहां पर उनकी जगह परमानेंट नहीं होती है, यदि बॉस को गुस्सा आ गया तो हो सकता है की वो उस व्यक्ति को निकालकर किसी और को उसकी जगह काम पर रखले |

नहीं रहते हैं अपनी मर्जी के मालिक

ये तो सबसे बड़ी कमी होती है किसी भी प्राइवेट नौकरी की, यहाँ पर आप अपनी मर्जी से कुछ भी नहीं कर सकते हैं, क्यूंकि आप यहाँ अपने बॉस के अंडर(Under) काम कर रहे होते हैं, जैसा बॉस आपसे कहता है, आपको सब वैसे ही करना पड़ेगा | आप अपनी मर्जी यहाँ बिलकुल भी नहीं चला सकते हैं | आप अपनी मर्जी से न तो जॉब पर आ सकते हैं और न ही जॉब से घर जा सकते हैं, यदि गलती से आप जॉब पर लेट(Late) भी हो जाते हैं, तो हो सकता है की आपको बॉस का गुस्सा झेलना पड़े और यहाँ तक ही नहीं हो सकता है की आपको अपनी जॉब से हाथ भी धोने पड़ सकते हैं |

तो ये ही हैं, प्राइवेट नौकरी के सबसे बड़े नुक्सान या कह सकते हैं की ये हैं प्राइवेट नुकरियों की कमियां | इसलिए ज्यादातर लोग आजकल सरकारी नौकरी या फिर अपना खुद का बिज़नेस(Business) करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं |

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